How Technology Changed Life

22 Nov 2020 12:49 PM By P B

Essay by Mr Sachin Saxena


विषय : मेरा संघर्ष और चुनौतियां और मैं कैसे आगे निकल गया

मेरा संघर्ष और चुनौतियां और मैं कैसे आगे निकल गया इसमें मेरी सबसे अधिक सहायता तकनीक ने की है
"How Technology Changed My Life "
-सचिन सक्सेना

नाम XYZ कुछ भी रख लो क्योंकि किसी ने खूब कहा है नाम मे क्या रखा है
यह कहानी है उस लड़के की जिसे कोई नहीं जानता जैसे कोई जानना भी नहीं चाहता
यह कहानी है आइए सुनाता हूं आपको लेकिन यह मेरी ही जिंदगी है लेकिन इस में बेजोड़ हिंदी के कठिन कठिन शब्दों को मिलाकर कहानी बना दिया गया है यानी ऐसी रचना जो सिर्फ पढ़ के श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देती है और हा आपको प्रेरणा भी दे सकती है

किसी ने कुछ कहा तो लिखने का मन किया तो सोचा चलो लिख देता हूं लिख दिया कुछ लोगों को सुना भी दिया लेकिन चलो सोचा थोड़ा और प्रचार-प्रसार किया जाए और आपके समक्ष वही कर भी रहा हूं
नाम XYZ एक लड़का जो अभी पूरी तरह से परिपक्व भी नहीं हुआ था जीवन की कठिनाइयों और पारिवारिक अड़चनों से जूझता एक लड़का था

यह कहानी एक लड़के की है आमतौर पर कहानियां एक राजा एक रानी एक प्रेम कहानी होती है परन्तु इस कहानी में ऐसा कुछ नहीं होने वाला है लेकिन कुछ बहुत रोमांचक होगा जो आपको जरूर पसंद आएगा

यह कहानी शुरू तो बहुत पहले हो चुकी थी लेकिन इतना पीछे जाकर क्या करोगे जीवन में बदलाव तब आया जब वह 12वीं कक्षा में था या 12वीं लगभग पूरी कर चुका था लगातार 4 वर्ष पारिवारिक संघर्ष ,गरीबी ,सांसारिक यातना से जूझता वो लड़का चंद सिक्कों के लिए लड़ रहा था
जैसे तैसे उसने 12वीं कर डाली पढ़ाई में औसत (70%)
औसत की संज्ञा हमारे यहां कुछ ऐसे दी जाती है कि अगर एक मोटी किताब तुम्हें तैयार करनी है तो भी तुम उसका आधा ही पढ़ोगे और एक पतली सी 5 पन्ने की किताबे तो भी तुम उसका आधा ही पढ़ोगे ऐसे बच्चों को औसत कहा जाता है
मैं भी उन औसतन में से एक था चलो पढ़ाई में औसत
मार्कशीट यानी कागज का वो टुकड़ा जिससे यह दुनिया तुम्हारा भविष्य तय करने में लग जाती है
क्या जी चलो मुझे ना मतलब की इमली खट्टी है या इमली मीठी 12वीं का मामला 70 परसेंट पर आ पहुंचा बहुत ज्यादा खुशी नहीं तो बहुत ज्यादा गम भी नहीं चलो ठीक ठाक निकल गया
जीवन का कोई खास लक्ष्य नहीं है फिलहाल मार्कशीट मिल चुकी है इन छोटे छोटे हाथों में जिन्होंने अभी से संघर्ष का भार अपने हाथों पर ले रखा है उन हाथो पर कागज का टुकड़ा है ऊपर लिखा हुआ है 'उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद'
चलो अब जान छूटी शायद उस वक्त उस लड़के के जुबान से यही शब्द निकले थे
लेकिन सांसो के अंदर से वह फड़फड़ाता हुआ दिल धड़क धड़क कर पूछ रहा था कि क्या मिल पाओगे इनसे अब दोबारा यह स्कूल की चारदीवारी यह नटखट 4 या 5 दोस्त जब मिल जाते हैं तो कोई ना पूछता -- जनाब कि साला तू हिंदू या मुसलमान
समय का पहिया ना कभी रुका है और शायद ना कभी रुकेगा वह लड़का पहुंचा x से y स्थान पर पहुंचा फिर से ( नाम में क्या रखा है जनाब ) कुछ भी रख लो चलो बता देता हूं अरे उसी इत्र नगरी की बात करते हैं जहां पर मुल्लाजी की दाढ़ी और बदन पर पान की पीक से सने कुर्ते से आती इत्र की सुगंधित महक मानो जीवन में लहर आ जाती है क से कन्नौज़

खैर कहानी हम से शुरू हुई तो हम पर खत्म होनी चाहिए काहे की मुल्लाजी और काहे की x और y
तो 2 महीने की ताबड़तोड़ छुट्टियां हाथ में लड़के के नोकिया 2700 classic mobile
जिंदगी का सारा सुख मिल गया मानो फेसबुक , और mobile गेम्स , और कभी कभार वो वाली अतरंगी तस्वीरें , मतलब मस्ती से दिन कट रहे थे
अगर बात की जाए तो आर्थिक व्यवस्था बड़ी व्यवस्थित नहीं थी उस घर की लेकिन फिर भी पिताजी एक रोज उससे बोल उठे - क्या करने का इरादा है बेटा आप का ?
मुंह से एक लफ्ज़ भी ना निकला मानो जुबान को लकवा मार गया हो
याद आता है बचपन में उसने साइंटिस्ट बनने का सोचा था कहीं से सुन रखा था यह देख रखा था न जाने लेकिन यही सोचते-सोचते बचपन गुजार दिया
9वीं , 10वीं ,11वीं और 12वीं भी कर डाली बाद में पता चला कि दुनिया तो आईआईटी और पब्लिक सेक्टर के पीछे भाग रही है
तुम्हें भी इसी के पीछे भागना होगा लेकिन आज समझ आता है कि ना भाग के बहुत अच्छा किया और कहने को कारण कुछ भी हो लेकिन सही बात तो यह है कि घर की हैसियत से जरा ऊंचा हो जाएगा
अगर अपने सपने इतने ऊंचे देख लिए कि तुम आईआईटियन बनोगे या फिर पब्लिक सेक्टर में काम करोगे
तो ज्यादा हो हो जाएगा
( और यहां किसी को यहां पर किसी को डी मोटिवेट नहीं करने का इरादा है बस यह उस लड़के की जुबानी है जो शायद वह कुछ वर्षों पहले तक सोच सोचा करता था इसलिए आज जो चाहो तुम कर सकते हो तो भी डीमोटिवेट होने की कतई आवश्यकता नहीं है काल्पनिक है काल्पनिकता कि तरह सुनो और एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल लो सीख को हृदय में उतार लो )
एक कहानी लड़के के इर्द-गिर्द घूम रही थी तो सोचा लड़के के पास ही रखते हैं पारिवारिक बातों में न उलझाया जाए
लेकिन आवश्यकता तो पढ़ी जाती है चलो एक छोटा सा परिवार है उस लड़के का पिताजी माताजी के आलावा एक बड़ा भाई और वह चार सदस्यों का वह परिवार
बड़ा भाई डिप्लोमा कर रहा है छोटे भाई को क्या करना चाहिए या उस लड़के को क्या करना चाहिए यही सोच कर जिंदगी आगे कटी जा रही है
घर के पास से कोचिंग संस्थान है सोचा चलो दाखिला ले लिया जाए यही सोचकर कंप्यूटर का एक कोर्स में दाखिला ले लिया टेक्नोलॉजी से बचपन से लगाव है और उस कंप्यूटर संस्थान का पहला विद्यार्थी और शायद यार पहला बड़ा प्यारा शब्द होता है चाहे मां का पहला बेटा हो या किसी अध्यापक का पहला विद्यार्थी बड़ा ही प्यारा होता है यूं लगता है कि सारा प्यार उमड़ के उसके लिए बाहर आ गया हो बड़ा आनंद देता है
कहानी पर आगे आते हैं जरा आगे बढ़कर सुनते हैं पढ़ाई ऐसे चल रही थी ठीक उसी प्रकार से जैसे जीवन की गाड़ी बिना पेट्रोल के चल रही हो चल रही बोले तो जीवन की गाड़ी घिसट रही हो
वह लड़का जीवन में लड़ता , गिरता , पड़ता , जूझता , लेकिन फिर से उठता और आगे बढ़ जाता
आखिरकार कोर्स से पास हो गया एक ऑफर मिलता है पढ़ाओगे क्या ?
सोचा नेकी और पूछ पूछ
इसी बीच अपनी आगे की पढ़ाई एक बड़ी बड़ी यूनिवर्सिटी के एक छोटे से लोकल कॉलेज में दाखिला ले लिया था Bsc CS
वह भी पिताजी से रो धोकर होकर
जीवन में कुछ नया कुछ अलग कुछ जो जीवन को बदले ऐसा कुछ ना था
बड़ी समस्या से औसतन में और शायद औसतन जिंदगी चल रही थी
और कई बार में खुद से ही बातें करता था लोगो से बात करना तो बिल्कुल बन्द कर दिया था पता नहीं क्यों कुछ अच्छा न लगता था छत पर जाकर घंटो दिमाग में बस सोचता रहता था
कि क्या यही भविष्य है कि सुबह कोचिंग में पढ़ाने जाना शाम को वापस आना मासिक तनखाव्ह थी 1000 रु
और हर साल जाकर बस कॉलेज की पेपर देकर घर आ जाना कैसा भविष्य है
शायद मुझे उस वक्त का पता नहीं लेकिन शायद यह वह दौर था जब मैं डिप्रेशन में था लेकिन इसका मुझे कतई भी पता नहीं था कि इसे डिप्रेशन कहते हैं
वह शख्स जिसका मैं दिल से शुक्रिया अदा करना चाहूंगा शायद अगर रामायण की तरह जिंदगी को लिया जाए तो असली हनुमान को उनकी ताकत उसी शख्स ने जामवंत बनकर दिला दी उस शख्स का परिचय कुछ यूं समझो एक छोटे कद का अधेड़ उम्र का व्यक्ति डिग्री से इंजीनियर सरकारी नौकरी त्यागा हुआ माफ कीजिएगा लेकिन थोड़ा सा सनकी 24 घंटे में 18 से 20 घंटे काम करने वाला वह शख्स
मेरे कोचिंग के संस्थापक Mr रियाज़ अहमद आजीवन शुक्रगुजार रहूंगा
बहुत कुछ समझाया हमें और बहुत कुछ बताया हमें बेटा जीवन में कुछ अलग करो ऐसा करो कि दुनिया में तुम सबसे अलग हो जाओ इस दुनिया को बताओ कि तुम क्यों अलग हो और एक quote जो बार-बार दोहराते थे शायद आपको भी सुनना चाहिए
"DO WHATEVER IN YOUR LIFE BUT
DO WITH YOUR FULL DEDICATION"
अगर अंग्रेजी कमजोर है तो हिंदी अनुवाद सुन लीजिए जीवन में कुछ भी करो कुछ भी लेकिन पूरी दृढ़ता और पूरी इच्छाशक्ति के साथ करो यानी जीवन का 100% प्रतिशत देना है अगर तुम जीवन में चाय बनाने का काम भी करते हो तो इतना बेहतर करो कि शायद तुमसे अच्छी चाय कोई ना बना पाए अगर जूते पॉलिश करने का काम कर रहे हो तो तुम से बेहतर कोई जूते पॉलिश ना कर पाए ऐसा बनो क्योंकि काम कोई छोटा नहीं होता अंत में सबको पैसे ही कमाने हैं भर भर के भर भर के एनर्जी तो भरपूर आ गई थी बस उसे इस्तेमाल और सही मौके की तलाश थी

एक समय था जब इंटरनेट की क्रांति आई जिसने भारत को हिला दिया आप सब परिचित हैं लेकिन याद ना आने का जरा सा नाटक कर रहे हैं खुद ही समझ जाओ 4 साल पहले की बात है Jio
उस लड़के ने सोचा है कि यूट्यूब चैनल बनाया जाए चैनल बनाया काफी कुछ वीडियोस भी डाली टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी सुनना पढ़ना सुनाना काफी बचपन से अच्छा लगता था टेक्नोलॉजी की वीडियोस उस लड़के ने डालना शुरू किया पहली बार में सफलता किसी को आसानी से ना मिली है और उसे भी ना मिली काफी कुछ समय तक घुटने के बाद लगभग डेढ़ साल बाद पहली सफलता मिली सफलता की गिनती ऐसे कर सकते हो कि कोई भी काम करते हो तो तुम्हें प्यार तो मिलता है लेकिन साथ में बिना सिक्कों और रुपयों के कुछ नहीं होता तो 1.5 साल बाद कुछ सिक्कों और रुपयों की खनखनाहट उसकी जेब में पहुंची
बस समझ लो की कुछ अच्छा हो गया था उसके जीवन का अच्छा दिन आ गया था मोदी जी अच्छे दिन मोदी जी के अच्छे दिन आ गए या नही लेकिन उसके जीवन के कुछ अच्छे दिन आ चुके थे आज की बात की जाए तो कुछ हजार सब्सक्राइबर्स 50000 + सब्सक्राइबर्स और कुछ 3Million+ व्यू हो चुके हैं कुल मिलाकर देखा जाए तो लगभग हजारों लोगों का प्यार शायद उसके जीवन का वह हिस्सा जो जिनसे आज तक नही मिला

लेकिन शायद उनका वह वीडियो पर ( थैंक यू भाई फॉर दिस वीडियो ) वाला कमेंट आज भी दिल के किसी कोने में रोंगटे खड़े कर देने वाला होता है
अपने आप होंठो की लालिमा मुस्कुराहट से भर जाती है पता नहीं क्यों खिल खिला कर अपने आप को खींच देते हैं और यह खुशी बयां नहीं की जा सकती शब्दों से प्रेम से भाव से शांति से क्या कहूं नहीं कह सकता
उस शख्स के सानिध्य में रहकर कुछ नया हमेशा सीखने की लत सी लग गई थी वो कहा करते थे कुछ भी करो कुछ भी करो बस फ्री मत बैठो
फ्री में इंटरनेट से ज्ञान प्राप्त करने में तो माहिर हो चुके हैं कहीं से मिले तो बस फ्री ऑफ कॉस्ट मिलना चाहिए बस सीख डालो
आज एक छोटा सा हिस्सा जीवन का जो तुम्हें पैसा तो नहीं लेकिन प्यार जरूर देकर जाता है शायद उसी वजह से चाहे वह किसी का स्वार्थ के बस पर हो या निस्वार्थ भाव से यह तो व्यक्ति व्यक्ति में नहीं कहा जा सकता
लेकिन मेहनत से तपस्या से
1: 2 यूट्यूब चैनल
2: वेबसाइट ,Wordpress ,Blog
3: Android apps (App Builder)
4:Digital Marketing
5: Affiliate Marketing
6:Computer Programming (C,C++)
Web: HTML,CSS
और भी न जाने क्या क्या बहुत कुछ सीख लिया था और शायद सीखने की उम्र कभी खत्म ना होती और आगे भी सीख रहा है

अंत में शब्दों की सीमा को लगाम देते हुए या कलम को विराम देते हुए इतना ही कह सकता हूं अभी तक इंटरनेट की सहायता से $1500-$2000 की कमाई करने वाला वह लड़का अपने अस्तित्व को बचाने में लगा है और शायद चीख चीख कर तो ना सही लेकिन इंटरनेट पर खामोशी से चीखता बता रहा है शायद इस दुनिया में मैं भी हूं शायद इस दुनिया का एक हिस्सा जिसे अब कोई आसानी से इग्नोर नहीं कर सकता उसका भी कुछ अस्तित्व है उसे तुम यूं ही नहीं भूल सकते
वह है
उस लड़के का संघर्ष जारी है और शायद वह संघर्ष कभी ख़त्म ना हो जीवन के अंत तक संघर्ष जारी है
खैर कहानी खत्म हो चुकी है यह कहानी है लेकिन अभी पूरी सी नहीं लगती है क्योंकि इसमें कुछ फिल्मों जैसा नहीं हुआ कहानी के अंत तक बॉलीवुड और करण करण जौहर की फिल्मों में जैसे प्रेमी जोड़े आपस में मिल चुके हैं विलन भी शांत हो चुके हैं और प्रेमी युगल एक बड़े घर पर जिनके पास एक अच्छा खासा बंगला और एक बड़ी गाड़ी है और उनका जीवन अच्छे से चलने लगा है ऐसा कुछ नहीं हुआ है
लेकिन यह कहानी बहुत जल्द पूरी होगी यह वादा मेरा है और शायद इसी वादे को पूरा करने में लगा हुआ हूं लगा हुआ हूं जैसे फिल्मों में होता है The End वो End कभी नहीं आयेगा क्यूंकि सीखना बन्द नहीं करना है बस कुछ भी सीखते रहो
बस ऐसे ही मैं अपने जीवन के संघर्ष और चुनौतियों से बाहर निकल पाया और आने वाले संघर्षों को मात देकर चोटी पर पहुंचना है
धन्यवाद

Sachin Saxena (Tech YouTuber)

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