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Essay by Shreyashree.

12 Nov 2020 12:18 AM - Comment(s)

बन्ध गया हूँ मैं इस जहाँन में,

ये पाना हैं वो पाना हैं
जिंदगी में आके नाम कमाना हैं
इन सब में खो गया हूँ मैं
बन्ध गया हूँ मैं इस जहाँन में,

सपनो का आना, प्यार का आना
इन सब में बह गया हूँ मैं
कम्ब्खत दुनिया वजुद पूछती हैं
मैं हूँ कौन, तेरा नाम क्या हैं
इन सब में उलझ गया हूँ मैं

बन्ध गया हूँ मैं इस जहाँन...

12 Nov 2020 12:08 AM - Comment(s)